“हजार करोड़ का घोटाला छुपा रही सरकार!” – नेता प्रतिपक्ष ने तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार निजी जूट मिलों को फायदा पहुंचा रही है और किसानों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने इस मामले की विधानसभा कमेटी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन बारदाना खरीदी घोटाले का बड़ा मुद्दा गरमा गया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने बारदाना खरीदी में हजार करोड़ के घोटाले का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए मामले की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने की मांग की।

महंत ने कहा कि मानक के अनुसार बारदाने का वजन 580 ग्राम होना चाहिए, लेकिन केंद्रों तक पहुंचे बारदाने का वजन 480 ग्राम है। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी जूट मिलों को फायदा पहुंचाने के लिए मानकों से खिलवाड़ किया जा रहा है।
इस पर खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने सफाई देते हुए कहा कि गौरीशंकर जूट मिल से प्राप्त बारदानों की जांच कराई गई थी, लेकिन बारदाने को अमानक नहीं पाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि नमी के कारण बारदाने का वजन कम हो जाता है और किसानों को इससे कोई परेशानी नहीं हो रही है।
मंत्री दयाल दास बघेल ने जांच की मांग को सिरे से खारिज कर दिया, जिससे नाराज कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विधानसभा का माहौल हंगामेदार हो गया, और सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली।
इस घोटाले के आरोप और वॉकआउट के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। बारदाना घोटाले की गूंज अब सड़क से लेकर सदन तक सुनाई दे रही है।