सुशासन की दिशा में साय सरकार का प्रयास कलेक्टर, एसपी सुबह 10 बजे से पहले पहुंचे दफ्तर…
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने सुशासन की दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं। इसकी शुरुआत वर्ष 2025 के पहले दिन यानी एक जनवरी को मंत्रालय में चेतावनी बैठक से हुई। बैठक के बारे में आधिकारिक जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री ने कामकाज में कसावट लाने के लिए बैठक बुलाई है। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि बैठक की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने अफसरों के सामने टाइमिंग और काम में ढिलाई को लेकर गहरी नाराजगी जताई।
इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय हरकत में आया। 2 जनवरी को मुख्यमंत्री सचिवालय ने संदेश जारी किया और 3 जनवरी से मंत्रालय एक्शन मोड में आ गया। जो मंत्रालय दोपहर तक सूना रहता था, वहां अब सुबह 10 बजे से ही चहल-पहल दिखने लगी है। प्रदेश भर के कलेक्टरों को अब हर हाल में सुबह 10 बजे से पहले दफ्तर पहुंचना होगा। इतना ही नहीं, उन्हें सभी जिलों में इसका सख्ती से पालन भी कराना होगा। कलेक्टरों को कहा गया है कि वे सप्ताह में दो दिन जिलों में जाकर देखें कि टाइमिंग के साथ ही अन्य सभी दफ्तरों में काम ठीक से हो रहा है या नहीं। राज्य सरकार की योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन हो और काम जमीन पर दिखे, इसके लिए अब कलेक्टरों को सप्ताह में दो दिन का पहला भाग अनिवार्य रूप से लोगों से मिलने-जुलने के लिए रखना होगा।
बैठक के दौरान उनकी समस्याओं को सुनना होगा और उनके निराकरण की दिशा में गंभीरता से काम करना होगा। राज्य सरकार ने कलेक्टरों को यह स्वतंत्रता दी है कि वे सप्ताह में कौन से दो दिन लोगों से मिलकर संवाद स्थापित करें। कलेक्टर खुद अपनी सुविधानुसार सप्ताह में दो दिन तय करेंगे। लेकिन इसमें यह भी शर्त है कि उनके द्वारा तय किए गए दिनों में लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निराकरण करना होगा। सरकार का मानना है कि जिले के मुखिया का लोगों से सीधा संवाद होने पर काम में पारदर्शिता के साथ ही विभागों की सीधी जानकारी भी कलेक्टर को मिलती रहेगी। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर फीडबैक भी मिलेगा। सप्ताह में दो दिन लोगों से मिलने के अलावा कलेक्टरों को दो दिन अपने प्रभार वाले जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा भी करना होगा। इन दो दिनों में कलेक्टर अपने जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की हकीकत देखेंगे। अधूरे कामों को पूरा करने की योजना बनाएंगे। लापरवाह अफसरों पर नकेल कसेंगे। जाहिर है इससे प्रशासन में कसावट आएगी और समय पर काम होगा।
सड़क हादसों को लेकर सरकार की चिंता: लगातार चेतावनियों के बावजूद सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर राज्य सरकार की चिंता भी सामने आई है। राज्य सरकार ने कलेक्टर और एसपी को सप्ताह में एक बार संयुक्त रूप से जिले का दौरा करने और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। ब्लैक स्पॉट की पहचान करने के अलावा दुर्घटना संभावित सड़कों और स्पॉट पर जरूरी एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है।