जनपद से पंचायतों में सुशासन समाधान फॉर्म नही कराया जा रहा उपलब्ध,योजना पर अधिकारियों का ढीला रवैया…
कोरबा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में सुशासन को मजबूती देने के उद्देश्य से ‘सुशासन तिहार 2025′ का आयोजन कर रही है।लेकिन जामिनी हकीकत कुछ और है।यह योजना कितना असरदार साबीत होगा ,यह सभी की नजरों में है।
सरकार की सुशासन समाधान शिविर के तहत कोरबा जनपद पंचायत से सुशासन समाधान फॉर्म पंचायतों को उपलब्ध नही कराया जा रहा है।यह जनपद के अधिकारियों का योजना को लेकर ढीली रवैया को दर्शाता है।अधिकारी सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर पतीली लगया जा रहा हैं।
पहला चरण 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक
जिसका पहला चरण 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आयोजित होगा। इस दौरान ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में समाधान पेटी के माध्यम से नागरिकों से शिकायतें, सुझाव और मांगें प्राप्त की जाएगी।अभियान का मुख्य उद्देश्य शासन और नागरिकों के बीच पारदर्शी संवाद स्थापित करना है। समाधान पेटी और ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त आवेदनों का निपटारा निर्धारित समय-सीमा में किया जाएगा
दूसरे चरण में आवेदनों का निराकरण
दूसरे चरण में अप्रैल-मई 2025 के दौरान आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। सभी आवेदनों को स्कैन कर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को एक महीने के भीतर आवेदनों का निराकरण करना होगा। जिला और राज्य स्तर पर निराकरण की गुणवत्ता की समीक्षा होगी।
तीसरे चरण में समाधान शिविर
तीसरे चरण में 5 से 31 मई तक समाधान शिविर लगेंगे। हर 8 से 15 ग्राम पंचायतों के समूह में शिविर होंगे। इनमें आवेदकों को उनके आवेदन की स्थिति बताई जाएगी। तुरंत समाधान संभव होने पर मौके पर ही निराकरण किया जाएगा।