छत्तीसगढ़ : 25 दिनों के अंदर मलेरिया से तीन बच्चों की मौत हो गई। मौत का मामला सामने आने के बाद अब विभाग इन इलाकों में कैंप लगाकर मलेरिया जांच में जुटा है। गोलांवड़ आयुष्मान आरोग्य मंदिर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोलांवड़ और बेतबेड़ा के तीन बच्चे बीमार होने पर जिला अस्पताल केशकाल में भर्ती हुए थे, जहां उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। भर्ती होने के 24 घंटे के अंदर अलग-अलग दिनों में इन बच्चों की मौत हो गई।
बेतबेड़ा पंचायत के तातारी गांव निवासी रंजीत की पुत्री यामिनी की मौत 23 जुलाई को, गोंलावांड निवासी अनिल कश्यप के चार वर्षीय पुत्र युवराज की मौत 28 जुलाई को तथा बेतबेड़ा निवासी लक्खू के 14 वर्षीय पुत्र दशरथ की मौत 14 अगस्त को इलाज के दौरान हो गई।
प्रदेश के इन जिले स्वाइन फ्लू का खतरा
स्वाइन फ्लू एक नई चुनौती बन गया है। राजनांदगांव में दो और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में एक पुरुष पॉजिटिव पाया गया है। राजनांदगांव के घुमका और डोंगरगढ़ में मरीज मिले हैं। इनमें से दो लोगों को राजनांदगांव के एक निजी अस्पताल और एक को भिलाई के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। बिलासपुर जिले में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। 14 अगस्त को अलग-अलग इलाकों से 7 नए संक्रमित मिले थे, जबकि 15 अगस्त को 2 नए मरीज मिले थे।