30 दिसंबर को हो सकता है नगरीय व पंचायत चुनाव का ऐलान?आचार संहिता के संदर्भ में सर्कुलर जारी…
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होंगे। सरकार ने इसकी अंतिम तैयारियां शुरू कर दी है नगरीय निकाय चुनाव के लिए वार्डों का आरक्षण कंप्लीट हो चुका है। नगरीय प्रशासन विभाग ने महापौर के आरक्षण का डेट भी जारी कर दिया है। महापौर का आरक्षण 27 दिसंबर को रायपुर में किया जाएगा। इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव की सरकार के एंड की सारी तैयारियां पूरी हो जाएगी।इसके दो दिन बाद पंचायत चुनाव का आरक्षण भी पूरा हो जाएगा। पंचायत विभाग ने आरक्षण का कार्यक्रम जारी करते हुए इसके लिए 27 से 29 दिसंबर तक दो दिन का डेट तय किया है। याने 29 दिसंबर को पंचायत चुनाव का आरक्षण कंप्लीट हो जाएगा। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव का ऐलान कर सकता है।
30 दिसंबर की संभावना चूकि जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण 29 दिसंबर को होगा । इसलिए उस दिन चुनाव का ऐलान संभव प्रतीत नहीं होता । 31 दिसंबर को लोग न्यू ईयर की तैयारी में व्यस्त रहेंगे, इसलिए इस दिन भी शायद चुनाव कार्यक्रम की घोषणा न किया जाए। जानकारों का कहना है सबसे अधिक संभावना 30 दिसंबर का 1 जनवरी से पहले राज्य निर्वाचन आयोग की मजबूरी है कि एक जनवरी से पहले चुनाव कार्यक्रम डिक्लेयर कर दे। क्योंकि, हर साल एक जनवरी से नई मतदाता सूची का अपग्रेडेशन होता है। यदि 31 दिसंबर तक घोषणा नहीं हुई तो फिर चुनाव एकाध महीने आगे टल जाएगा।क्योंकि, मतदाता सूची के नवीनीकरण में महीने भर का वक्त लग जाता है। इसलिए सरकार भी एक्शन मोड में आते हुए आज पहले पंचायत के आरक्षण के लिए डेट जारी की और शाम होते-होते महापौरों के आरक्षण की भी तारीख तय कर दी। जानकारों का कहना है कि पिछले हफ्ते सरकार जरूर दोनों चुनावो को लेकर आगे-पीछे दिख रही थी । पंचायत चुनाव का आरक्षण शेड्यूल अचानक निरस्त कर दिए जाने के बाद इस धारणा को और बल मिला था। मगर आज सब कुछ यूटर्न के अंदाज में हुआ । और, अब दोनों चुनाव होना तय हो गया है।
जनवरी लास्ट तक नगरीय निकाय :जानकारों के अनुसार कि जनवरी अंत तक नगरीय निकाय चुनाव याने वार्ड पार्षद, निकायों के अध्यक्ष और महापौर का चुनाव हो जाएगा। ज्यादा-से-ज्यादा हुआ तो दो-से- तीन फरवरी तक जाएगा। मगर पांच फरवरी से पहले नगरीय निकाय इलेक्शन कंप्लीट हो जाएगा ।
पंचायत चुनाव की वोटिंग: नगरीय निकाय चुनाव का कार्यक्रम जनवरी लास्ट तक निबट गया तो पंचायत चुनाव इसके एक हफ्ते बाद होगा। नगरीय निकाय चुनाव कहीं दो-तीन फरवरी तक चला तो पंचायत चुनाव सात-से-आठ फरवरी तक हो जाएगा। वैसे लोगों को चौंकाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग हो सकता है जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण के दिन शाम को प्रेस कांफ्रेंस बुला ले।मगर ये सही है कि राज्य निर्वाचन आयोग के पास ये तीन दिन ही रहेगा चुनाव के ऐलान करने के लिए।
सामान्य प्रशासन विभाग ने अफसरों को आचार संहिता के संदर्भ में सर्कुलर जारी कर दिया है।जीएडी सिकरेट्री अविनाश चंपावत ने 14 पेज के गाइडलाइन में विभिन्न बिंदुओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि चुनाव की घोषणा होते ही राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो जाएगी। उन्होंने सिलसिलेवार बताया है कि इस दौरान सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को क्या करना है और क्या नहीं।
- कर्मचारियों और अधिकारियों को कलेक्टर की बिना अनुमति के अवकाश स्वीकृत नहीं होगा। नियुक्ति और पोस्टिंग भी चुनाव का ऐलान होते ही प्रतिबंधित हो जाएंगी।
- नगरीय और पंचायत चुनाव के दौरान सरकार के मंत्री कोई घोषणा नहीं कर पाएंगे और न ही कोई भूमिपूजन या उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होंगे।
- मंत्रियों के लिए भी गाइडलाइन में सख्त संदेश हैं। मंत्री अगर निजी दौरे पर हैं या किसी प्रायवेट परसन के यहां गए हैं तो उनकी सुरक्षा में कोई फोर्स नहीं लगाई जाएगी। उन्हें जो सुरक्षा मिली है, उसी में उन्हें चलना होगा।
- रेस्ट हाउस या सर्किट हाउस में मंत्री किसी अधिकारी या कर्मचारी को बुलाएंगे तभी जाने की छूट रहेगी। किसी प्रायवेट जगह पर किसी मंत्री से नहीं मिल सकेंगे कोई कर्मचारी और अधिकारी।