कोरबा में विकास का पहिया, सरकारी धन से नहीं बल्कि चंदे से हो रहा विकास…
कोरबा। कोरबा में विकास की नई तस्वीर सामने आई है।हालांकि कई वार्डो में लाखों करोड़ों रुपये से विकास कार्यो का भूमिपूजन जनप्रतिनिधियों के द्वारा की जा रही है लेकिन कोरबा के महत्वपूर्ण स्थान को विकास से दूर रखा गया है।इसकी उदाहरण आप इस तस्वीर से साफ झलक रही है।
आपको बता दें कि श्रम सेवा भू विस्थापन कामगार संगठन कुसमुंडा के सौजन्य से अहीर नदी एवं हसदेव नदी संगठन के तट पर सर्वमंगला मंदिर के समीप भोजली घाट पर पचरी निर्माण हेतु भूमि पूजन किया गया। पचरी नहीं होने से गणेश प्रतिमा विसर्जन, दुर्गा विसर्जन, विश्वकर्मा विसर्जन, भोजली ज्वारा विसर्जन, गंगा आरती, अखंड नवधा रामायण, श्रीमद् भागवत कथा एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए यहीं से जल एकत्र किया जाता है। प्रतिवर्ष सावन माह में यहां से हजारों शिव भक्त जल एकत्र कर कनकेशर धाम कनकी जाते हैं। कार्तिक माह में हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान करने आते हैं, लेकिन पचरी नहीं होने से श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पचरी निर्माण हेतु शासन प्रशासन को बार-बार आवेदन देकर थक चुके श्रम सेवा भू विस्थापन कामगार संगठन के पदाधिकारियों एवं सभी सदस्यों ने आपस में चंदा एकत्र कर पचरी निर्माण हेतु सहयोग राशि दी है। श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के लिए मंगलवार को पचरी निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया गया।
मुख्य अतिथि रीनाअजय जायसवाल, उपाध्यक्ष जिला पंचायत कोरबा एवं पूर्व उपाध्यक्ष अजय जायसवाल कर साथ गाँव के वरिष्ठ नागरिक फिरू पटेल , रामाधार पटेल, कलेशी पटेल, जगसिह, बलराम द्वारा पूजार्चना किया गया।
इस अवसर पर राजेंद्र पटेल अध्यक्ष श्रम सेवा भू विस्थापित कामगार संगठन, देशू पटेल , अशोक पटेल, विजयदास विष्णु पटेल, लक्ष्मण पटेल ,सुरेंद्र कंवर सेवाराम, बुधेश्वर पटेल ,संतोष पटेल, करन, तरूण, त्रिलेशवर, संजय,कैलाश, आनंद, पुष्पेन्द्र, संतोष यादव, गोविन्द, मयंक,जनेश्वर, बोध राम आदि आस पास के ग्रामवासी युवा साथी काफी संख्या मे उपस्थित रहे।

