महापौर और सभापति का कार्यकाल खत्म, अब कलेक्टर संभालेंगे कार्यभार, 10 निगमों में प्रशासक नियुक्त
रायपुर। छत्तीसगढ़ के 14 में से 10 नगर निगम के महापौर और सभापति का कार्यकाल खत्म हो गया है। इसे लेकर 10 नगर निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति की है। नगरीय प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। अब अलग-अलग जिलों के कलेक्टरों के हाथों में शहर सरकार रहेगी। यही काम-काज देखेंगे और फैसला लेंगे। जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक रायपुर नगर निगम के प्रशासक रायपुर के कलेक्टर होंगे।
इसी तरह नगर निगम राजनांदगांव, बस्तर, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग, रायगढ़, मनेंद्रगढ़ – भरतपुर- चिरमिरी, अंबिकापुर और कोरबा के लिए भी कलेक्टर प्रशासक बनाए गए हैं। प्रशासकों की नियुक्ति के साथ ही अब नगर निगमों में जोन अध्यक्ष, महापौर जैसे पद
शक्ति विहीन होंगे। ये व्यवस्था महापौर के कार्यकाल खत्म होने के बाद निगमों में प्रतिनिधि नियुक्त करने की है।
इस बार मेयर चुनाव होगा डायरेक्ट
नगरीय निकाय चुनावों में अब मेयर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। यानी पार्षद के साथ ही मेयर और अध्यक्ष के लिए भी जनता ही वोट करेगी। साय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद नियम बदला गया था। इसमें मेयर चुनने का हक पार्षदों को दिया गया था। हालांकि भूपेश कार्यकाल से पहले भी जनता ही पार्षदों के साथ मेयर को चुनती थी।
व्यवस्था को लेकर कहा कि जैसे देश या प्रदेश में जब सरकार का कार्यकाल खत्म हो जाता है तो गर्वनर या राष्ट्रपति का कंट्रोल होता है। इसी तरह निगमों में कार्यकाल खत्म होने के बाद कलेक्टर को या वरिष्ठ आईएएस अफसरों को जिम्मेदारी दी जाती है।
छत्तीसगढ़ में यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी प्रशासक नियुक्त किए गए हैं।अब।ये होगा कि जनप्रतिनिधि किसी भी मामले में नगर निगम से जुड़े फैसले नहीं कर पाएंगे। यह जिम्मा अब प्रशासक के पास होगा। जोन अध्यक्षों की शक्तियां अब नगर निगम आयुक्त के पास होगी। महापौर स्तर के फैसले लेने की शक्तियां प्रशासक के पास होगी, जो अब रायपुर या अन्य जिलों के कलेक्टर हैं। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर मेयर और अध्यक्षों की खर्च सीमा तय कर दी गई है। 5 लाख या उससे अधिक आबादी वाले नगर निगमों में मेयर प्रत्याशी 25 लाख, 3-5 लाख की आबादी वाले नगर निगम के लिए यह सीमा 20 लाख और 3 लाख से अधिक आबादी वाले निगम 10 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे। वहीं, 50 लाख से अधिक आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 10 लाख रुपए और 50 हजार से कम आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 8 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। इसके अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए खर्च की सीमा 6 लाख रुपए है। इसके लिए छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है।