उच्च न्यायालय ने पामगढ़ शराब भट्टी मामले में सभी 14 आरोपियों को बरी कर दिया
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पामगढ़ शराब भट्ठी कांड के सभी 14 आरोपियों को बरी कर दिया है। यह वही मामला है जिसमें 2004 में भीड़ ने शराब भट्ठी पर हमला कर
मैनेजर भोला गुप्ता की हत्या कर दी थी। में उम्रकैद की सजा सुनाई थी । अब हाईकोर्ट ने इस सजा को साक्ष्यों की कमी के कारण निरस्त कर दिया। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों की उपस्थिति और पहचान 2004 में भीड़ ने की थी मैनेजर की हत्या 9 दिसंबर 2004 को पामगढ़ के चांदीपारा में राउत मड़ई मेले के दौरान स्थानीय शिक्षक महेश खरे गुरुजी की संदिग्ध मौत हुई थी। इसके अगले दिन आक्रोशित भीड़ पामगढ़ की शराब भट्टी पहुंची और तोड़फोड़ व आगजनी की। भीड़ ने डिस्टिलरी मैनेजर भोला गुप्ता को पीटा, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
2015 में जिला जांजगीर-चांपा की विशेष सत्र अदालत ने 14 आरोपियों को हत्या और अन्य धाराओं को प्रमाणित नहीं किया। अधिकांश गवाह पक्षद्रोही हो गए और किसी ने भी घटनास्थल पर आरोपियों की स्पष्ट पहचान नहीं की । एफएसएल रिपोर्ट में जब्त डंडों और कपड़ों पर मिला खून मृतक से मेल नहीं खाता । अदालत ने कहा कि भीड़ में मौजूद होने मात्र से अपराध साबित नहीं होता, जब तक यह सिद्ध न हो कि आरोपी ने हिंसा में सक्रिय भागीदारी की हो। इसी आधार पर सभी 14 आरोपियों को संशय का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया ।