राज्य कर्मचारी 29 तारीख को पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेंगे…जानें वजह!
रायपुर। छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ संघ और उससे जुड़े संगठन 29 अक्टूबर को भोजनावकाश के दौरान राज्य के सभी सुविधाजनक जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपेंगे। इससे मोदी सरकार की गारंटी को पूरा करने की ओर सरकार का ध्यान फिर से आकर्षित होगा।
गौरतलब है कि तृतीय वर्ग संघ महासंघ का सबसे बड़ा संगठन है। महासंघ ने 22 अक्टूबर को घोषित अनिश्चितकालीन हड़ताल को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया है। संघ के अध्यक्ष पवन शर्मा ने एक बयान में कहा कि राज्य के अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को केंद्र सरकार से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत नहीं मिल रही है, जबकि महंगाई दर लगातार बढ़ रही है। ऐसे में कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
सत्ता में आने से पहले, भाजपा ने कर्मचारियों के मंच से और अपने घोषणापत्र में, “मोदी की गारंटी” यानी “गारंटियों की पूर्ति की गारंटी” के नाम से, केंद्र सरकार के फैसले की तारीख से राज्य के कर्मचारियों को एरियर सहित महंगाई भत्ता देने का वादा किया था।
सरकार के गठन के दो साल बीत चुके हैं, लेकिन महंगाई भत्ते, चार-स्तरीय समयमान वेतनमान के क्रियान्वयन और सातवें वेतन आयोग के अनुसार मकान किराया भत्ते सहित अन्य भत्तों में संशोधन संबंधी घोषणाएँ अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। राज्य के कर्मचारी अभी भी केंद्र सरकार से 3 प्रतिशत पीछे हैं। देश के अन्य भाजपा शासित राज्यों ने भी अपने कर्मचारियों को केंद्र सरकार की तरह ही जुलाई 2025 से महंगाई भत्ते के भुगतान की घोषणा/आदेश दे दिया है।
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ सरकार ने भी एक समिति बनाकर 100 दिनों के भीतर राज्य के अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन इस पर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य, जहाँ 25 लाख से अधिक कार्यबल है, में सरकार अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को महंगाई राहत प्रदान कर रही है, साथ ही केंद्र सरकार द्वारा जुलाई 2025 से 58% महंगाई भत्ता देने की घोषणा के साथ ही अपने बोर्ड और पेंशनभोगियों को भी महंगाई भत्ता दे रही है। संघ ने इन्हीं मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
