सौम्या की संपत्ति 17 सालों में 19 गुना बढ़ी, सारे रिकॉर्ड तोड़े…
रायपुर।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया ने 2019 से 2022 के बीच लगभग ₹50 करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित की। इस प्रकार, उन्होंने अपनी 17 साल की सरकारी सेवा की तुलना में 1872.86 प्रतिशत अधिक अवैध आय अर्जित की है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के इतिहास में आय से अधिक संपत्ति का यह सबसे बड़ा मामला है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने एक बयान जारी कर बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री की उप सचिव और राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, रायपुर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (यथा संशोधित 2018) की धारा 13(1)(बी), 13(2) के तहत आय से अधिक संपत्ति का मामला अपराध क्रमांक 22/2024 दर्ज किया गया है। आय से अधिक यह संपत्ति कोयला लेवी, डीएमएफ और अन्य भ्रष्ट तरीकों से अर्जित की गई थी। जाँच के बाद, मंगलवार को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार जाँच), रायपुर में लगभग 8,000 पृष्ठों का आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया। सौम्या चौरसिया वर्तमान में जमानत पर हैं।
भ्रष्टाचार के कई मामलों में लगभग दो साल रायपुर सेंट्रल जेल में बिताने के बाद, सौम्या चौरसिया वर्तमान में जमानत पर हैं।
45 अचल संपत्तियों में बेनामी निवेश ईओडब्ल्यू ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि सौम्या चौरसिया ने अपने परिवार और अन्य व्यक्तियों के नाम पर लगभग 45 अचल संपत्तियों में बेनामी निवेश किया। ब्यूरो की जाँच से पुष्टि हुई कि श्रीमती चौरसिया ने पद पर रहते हुए लगभग ₹49,69,48,298 (उनचास करोड़ उनहत्तर लाख अड़तालीस हजार दो सौ अट्ठानवे रुपये) की अवैध संपत्ति अर्जित की थी। इस प्रकार, अपने 17 साल के कार्यकाल के दौरान, श्रीमती चौरसिया ने अपनी वैध आय लगभग ₹2,51,89,175 (दो करोड़ इक्यावन लाख अस्सी हजार एक सौ पचहत्तर रुपये) से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित की। पाया गया कि उन्होंने विभिन्न संपत्तियों में लगभग ₹50 करोड़ की अवैध आय का निवेश किया था। जांच में यह भी पता चला कि सौम्या चौरसिया द्वारा संपत्तियों में अवैध धन का सबसे बड़ा निवेश 2019 और 2022 के बीच किया गया था।
जमानत पर,वर्तमान में बेंगलुरु में रह रही है और अदालती सुनवाई में शामिल होने के लिए वहां से रायपुर आती-जाती है। गौरतलब है कि 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया सबसे पहले डिप्टी कलेक्टर, कलेक्टर कार्यालय, जिला बिलासपुर के पद पर पदस्थ थीं। इससे पहले, उन्होंने 2005 में लेखा अधिकारी के रूप में कार्य किया था। 2019 में, उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव नियुक्त किया गया था।