छत्तीसगढ़,गुजरात, केरल मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में होगा एसआईआर
आज रात फ्रीज होगी वोटर लिस्ट, आज से प्रोसेस शुरू, 7 फरवरी तक चलेगी
नई दिल्ली। बिहार के बाद उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ समेत देश के 12 राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) मंगलवार से शुरू होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को इसका ऐलान किया।
उन्होंने बताया कि बिहार के बाद एसआईआर का दूसरा फेज है। इसमें मतदाता सूची के अपडेशन, नए वोटरों के नाम जोड़ने और त्रुटियों को सुधारने का काम किया जाएगा। आज रात से ही इन राज्यों में वोटर लिस्ट फ्रीज हो जाएगी।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण मंगलवार से शुरू होगा। हमने एसआईआर की शुरुआत बिहार से की थी। यहां एसआईआर कामयाब रहा। इसे लेकर राज्य में जीरो शिकायत मिली।

अयोग्य वोटरों को हटाने की प्रक्रिया
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर के तहत हर बीएलओ (बीएलओ) हर घर में तीन बार जाएगा। बीएलओ हर मतदाता के घर जाकर प्री फील्ड फॉर्म पहुंचाएंगे। इस प्रक्रिया का मुख्य लक्ष्य अयोग्य वोटर्स को हटाना है। एसआईआर में मतदाता सूची के अपडेशन, नए वोटरों के नाम जोड़ने और त्रुटियों को सुधारने का काम किया जाएगा। इस प्रक्रिया में 31 दिसंबर तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले हर मतदाता को शामिल माना जाएगा।
बिहार में एसआईआर कामयाब रहा
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि नतीजा सबके सामने है। बिहार में एसआईआर कामयाब रहा। दूसरे फेज में 12 राज्यों और यूटी की वोटर लिस्ट अपडेट करेंगे।
इन 12 राज्यों-यूटी में होगा एसआईआर
अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। इन 12 राज्यों में आज से एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। फाइनल ड्राफ्ट लिस्ट 7 फरवरी 2026 को जारी किया जाएगा। आयोग के अनुसार, देशभर में 99 करोड़ 10 लाख मतदाता हैं, और 2002 से 2004 के बीच एसआईआर में 70 करोड़ मतदाता दर्ज हुए थे, इसलिए माना जा रहा है कि 21 करोड़ मतदाताओं को जरूरी दस्तावेज देने होंगे। राज्यों में अंतिम एसआईआर कट-ऑफ डेट के रूप में काम करेगी।
अगले साल 5 राज्यों-यूटी में होना है चुनाव
अगले साल देश के 5 राज्यों-यूटी असम, तमिलनाडु, प. बंगाल, केरल व पुडुचेरी में विधानसभा का चुनाव होना है।
चार महीने का होगा एसआईआर
एसआईआर के दोनों ही चरणों के बीच यह अंतर करीब चार महीने का होगा। वैसे भी आयोग ने जो संकेत दिए हैं, उनमें एक चरण को अधिकतम चार महीने में पूरा कर लिया जाएगा। आयोग से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो जून 2026 तक देशभर में मतदाता सूची के एसआईआर का काम पूरा कर लिया जाएगा। आयोग ने इस बीच सभी राज्यों के साथ एसआईआर से जुड़ी तैयारियों को एक बार फिर परखा है। जिसमें बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। आयोग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, बंगाल, तमिलनाडु सहित जिन पांच राज्यों में अगले साल चुनाव हैं, वहां एसआईआर के काम को फरवरी 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।
मतदाता सूची को अपडेट करना मकसद
आयोग का दावा है कि उनका पूरा ध्यान केरल, तमिलनाडु, प. बंगाल, असम और पुडुचेरी पर है, जहां मई 2026 तक चुनाव होने हैं। एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूचियों में दोहरे मतदाताओं को हटाना और यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता भारतीय नागरिक है। ऐसी समीक्षा 2 दशक बाद हो रही है, क्योंकि शहरीकरण और माइग्रेशन बढ़ने से इसकी जरूरत महसूस हुई। यहां हालात ऐसे आंध्र प्रदेश में 2003-2004 5.5 करोड़ मतदाता थे, अब 6.6 करोड़ हैं। उत्तर प्रदेश में 2003 में 11.5 करोड़ थे, अब 15.9 करोड़ हैं। दिल्ली में 2008 में 1.1 करोड़ थे, अब 1.5 करोड़ हैं। बैठक में तय हुआ कि बीएलओ हर मतदाता के घर जाकर प्री फील्ड फॉर्म पहुंचाएंगे। इस प्रक्रिया में 31 दिसंबर तक 18 वर्ष के हर मतदाता को शामिल माना जाएगा। देशभर में 99 करोड़ 10 लाख मतदाता हैं। इनमें से बिहार 8 करोड़ मतदाताओं की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 2002 से 2004 के बीच एसआईआर में 70 करोड़ मतदाता दर्ज हुए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि 21 करोड़ मतदाताओं को ही जरूरी दस्तावेज देने होंगे।
