HIGHLIGHTS
- चरित्र शंका बनी हत्या की वजह, बाड़ी के खाद गड्ढे से बरामद हुए थे चारों मृतकों के शव
- खरसिया में एसपी ने किया कैंप, अलग-अलग टीमें बनाकर सौंपे गये कार्य
- हत्या से पहले की गई घर की रेकी, साजिश का खुलासा
- मेमोरेंडम पर हथियार, गैंती-फावड़ा और कपड़े बरामद
- आईजी और एसपी ने दिया टीम को शाबाशी, कड़ी कार्रवाई का संदेश
रायगढ़। रायगढ़ पुलिस ने खरसिया ठुसेकेला हत्याकांड का महज 48 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है। पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला और पुलिस अधीक्षक रायगढ़ दिव्यांग कुमार पटेल के मार्गदर्शन में की गई इस कार्रवाई में मृतक बुधराम उराँव और उसके परिवार की हत्या का कारण उनके चरित्र पर संदेह पाया गया है। पड़ोसी लकेश्वर पटैल ने एक नाबालिग के साथ मिलकर पूरे परिवार की बेरहमी से हत्या करने की बात कबूल की है।वही आरोपी लकेश्वर पटैल हत्या के अपराध में पूर्व सजायाफ्ता का मुजरिम है ।
जानकारी के अनुसार 11 सितंबर को ग्राम ठुसेकेला राजीव नगर में ग्रामीणों ने खरसिया पुलिस को सूचना दी कि बुधराम उराँव का घर अंदर से बंद है और अंदर खून के धब्बे दिखाई दे रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, डीएसपी अनिल विश्वकर्मा, एसडीओपी प्रभात पटेल खरसिया, छाल, कोतरारोर, पुंजीपथरा, जोबी पुलिस, एफएसएल, फिंगरप्रिंट, डॉग स्क्वायड और बीडीएस की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जांच के दौरान बगीचे में खाद के गड्ढे से बुधराम उरांव (42), उनकी पत्नी सहोदरा (37) और दोनों बच्चों अरविंद (12) और शिवांगी (5) के शव बरामद किए गए। धारदार हथियार से हत्या की पुष्टि होने पर थाना खरसिया (खरसिया चौकी) में अपराध क्रमांक 498/2025 धारा 103(1), 238(ए) बीएनएस दर्ज किया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए रेंज आईजी डॉ संजीव शुक्ला ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने खरसिया में कैम्प कर मामले की मॉनिटरिंग की और अलग-अलग थानों के प्रभारियों और स्टाफ की विशेष टीम बनाकर जांच तेज कर दी। इस दौरान जांच टीम को पड़ोसी लकेश्वर पटैल पर शक हुआ। सबूत मिलने पर आरोपी ने पूछताछ में जुर्म कबूल किया और बताया कि वह राजमिस्त्री का काम करता है, उसका पड़ोसी बुधराम उरांव भी राजमिस्त्री का काम करता है जो अपने परिवार के साथ रहता था। पिछले कुछ समय से दोनों के बीच कई कारणों से विवाद चल रहा था। आरोपी ने बताया कि वह पड़ोसी बुधराम की जमीन खरीदना चाहता था, जिसे लेकर उसने कई बार बुधराम से कहा था, बुधराम ने जमीन बेचने से मना कर दिया था, करीब 6 माह पहले लकेश्वर के बेटे ने बुधराम के घर में घुसकर चोरी की थी, जिसका उनके बीच समझौता हो गया था इन सब बातों के चलते लकेश्वर पटैल बुधराम से रंजिश रखता था और बुधराम की हत्या की योजना बनाने के लिए मौके की तलाश में था। घटना से पहले उसने बुधराम और उसकी पत्नी की अनुपस्थिति में उसके घर की रेकी भी की थी।
बीते 09 सितम्बर2025 की रात उसने बुधराम को खूब नशे में देखा था, उसी रात प्लान के मुताबिक आरोपित लकेश्वर और नाबालिग, बुधराम के घर घुसे और सोये बुधराम और उसकी पत्नी, बच्चों की हथियार से हमले कर हत्या कर दिये फिर शवों को घर के दूसरे कमरे में जमीन खोद कर दफनाना चाहे पर जमीन सख्त होने से गढ्ढा नहीं कर पाये और फिर शवों को घसीटते हुए बाड़ी की ओर ले जाकर खाद में गढ्ढा कर दफन करने का प्रयास किया । पुलिस ने घटनास्थल ले जाकर आरोपियों से पूरी घटना का री-क्रिएशन कराया गया । आरोपियों के मेमोरेंडम पर टंगिया, रॉड, गैंती, फावड़ा, कपड़े आदि महत्वपूर्ण साक्ष्यों की जप्ती कर दोनों को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।
रेंज आईजी डॉ0 संजीव शुक्ला एवं पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेलके दिशा निर्देशन पर इस खुलासे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा, एसडीओपी खरसिया प्रभात पटेल, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी पी.एस. भगत के मार्गदर्शन पर घटना की सूचना के 48 घंटे में संदेहियों को पकड़कर खुलासा करने में थाना प्रभारी खरसिया राजेश जांगड़े, चौकी प्रभारी खरसिया अमित तिवारी, थाना प्रभारी छाल त्रिनाथ त्रिपाठी, थाना प्रभारी पूंजीपथरा राकेश मिश्रा, थाना प्रभारी कोतरारोड मोहन भारद्वाज, थाना प्रभारी भूपदेवपुर संजय नाग, चौकी प्रभारी जोबी लक्ष्मी नारायण राठौर के साथ बीडीएस, डॉग स्क्वॉड, एफएसएल, फिंगरप्रिंट और विशेष टीम के सहायक उप निरीक्षक मनोज कुमार पटेल, राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, बृजलाल गुर्जर, रेनू मंडावी, प्रशांत पण्डा, महेश पण्डा, पुष्पेंद्र जाटवर, विकास प्रधान, प्रताप बेहरा, रविन्द्र गुप्ता चौकी खरसिया के मनोज मरावी, थाना खरसिया के अशोक देवांगन, संजय मिंज, आरक्षक विशोप सिंह, प्रदीप तिवारी, राजेश राठौर, भगत राम टंडन, मुकेश यादव, साविल चंद्रा, डमरूधर पटेल, सत्या सिदार, महिला आरक्षक प्रियंका मिंज, कालिस्ता कुजूर की अहम भूमिका रही।