RAIGARH : श्याम मंदिर चोरी का बड़ा खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार,मुख्यआरोपी ने पत्नी और दोस्तों के साथ मिलकर दिया था अंजाम
रायगढ़ । रायगढ़ के प्रतिष्ठित श्री श्याम मंदिर (Shri Shyam Temple)से धार्मिक आभूषण(Jewellery) और नकदी की सनसनीखेज चोरी की गुत्थी रायगढ़ पुलिस (Raigarh Police)ने सुलझा ली है। इस मामले में सीमावर्ती ओडिशा(Odisha) राज्य और पड़ोसी जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ (Sarangarh-Bilaigarh)से छह आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ लगभग 27 लाख रुपये की चोरी की संपत्ति की बरामदगी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस महानिरीक्षक(IG) बिलासपुर रेंज डॉ संजीव शुक्ला (Dr Sanjeev Shukla)के सतत मार्गदर्शन और रायगढ़ पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के कुशल नेतृत्व में चलाए गए इस 9 दिवसीय अभियान ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाले अपराधियों को छिपने की कोई जगह नहीं मिलेगी। 13-14 जुलाई की रात अज्ञात आरोपियों ने मंदिर के मुख्य द्वार और गर्भगृह का ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया और श्याम बाबा का सोने का मुकुट, कान की बाली, चार नग छत्र, लगभग 25 लाख रुपये के धार्मिक आभूषण और दानपेटी से दो लाख रुपये नकद लेकर फरार हो गए। घटना की रिपोर्ट श्री श्याम मंदिर मंडल के अध्यक्ष बजरंग लाल अग्रवाल द्वारा कोतवाली थाने में दी गई, जिसके आधार पर अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 335/2025 धारा 331(4), 305 भादवि पंजीबद्ध किया गया।
घटना की सूचना मिलते ही एसपी दिव्यांग पटेल स्वयं मौके पर पहुंचे, उनके साथ सीएसपी अनिल विश्वकर्मा, कोतवाली थाना प्रभारी, शहर के अन्य थाना स्टाफ, साइबर सेल, फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड भी सक्रिय हो गए। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी द्वारा तत्काल पांच थाना प्रभारियों की एक विशेष टीम गठित की गई, जिन्हें सीसीटीवी फुटेज की निगरानी, पुराने अपराधियों से पूछताछ, डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण और राज्य व बाहरी जिलों में इस तरह की चोरी के मामलों की जांच पर लगाया गया। पुलिस महानिरीक्षक डॉ संजीव शुक्ला ने भी रायगढ़ पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया था और विशेष टीम की बैठक लेकर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पुलिस ने श्याम मंदिर और आसपास के चौराहों, बाजार, रेलवे स्टेशन सहित शहर के सभी हिस्सों के 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और सवा लाख मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की। यहीं से पुलिस को एक लीड मिली जिससे संदिग्ध की पहचान सरिया थाना के ठेंगागुढ़ी निवासी सारथी यादव के रूप में हुई। पुलिस टीम जब संदिग्ध के घर पहुँची तो वह फरार मिला, लेकिन उसके परिजनों से पूछताछ करने पर इस बात की पुष्टि हुई कि वह घटना में शामिल था और मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता। पुलिस टीमों ने संभावित ठिकानों पर छापेमारी तेज कर दी और आखिरकार सारथी यादव ओडिशा सीमा के पास एक गाँव में पकड़ा गया।
पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह 13 जुलाई को सरिया से बस द्वारा रायगढ़ पहुंचा और सुबह से ही श्याम मंदिर की रेकी करने लगा। शाम को सब्जी मंडी से प्लास्टिक की पन्नी और लोहे की रॉड उठाया, फिर रात में जब बारिश के कारण इलाका सुनसान हो गया तो मुख्य द्वार का ताला तोड़कर मंदिर में प्रवेश किया और गर्भगृह से सोने का मुकुट, गलपटिया, कुंडल और छत्र चुरा लिया और दानपेटी से नकदी समेट ली। चोरी का सारा माल बोरी में भरकर वह रेलवे ट्रैक के रास्ते कोतरलिया-महापल्ली होते हुए पैदल दियाडेरा पहुंचा और वहां से उसने अपनी पत्नी नवादाई को फोन कर गांव के मानस भोय को मोटरसाइकिल से बुलाया। गांव वापस आकर उसने अपनी पत्नी नवादाई, मानस भोयऔर उसके भाई उपेंद्र भोय और गांव में आए बरगढ़ ओडिशा के परिचित विजय उर्फ बिज्जू प्रधान, दिव्य प्रधान को पूरी घटना की जानकारी दी और माल को छुपाने और बेचने की योजना साझा की।सभी आरोपियों के मेमोरेंडम बयानों के आधार पर रायगढ़ पुलिस ने चोरी के सभी जेवर, नकदी, अपराध में प्रयुक्त लोहे की रॉड, एक मोटरसाइकिल और अपराध के समय पहनी गई नारंगी रंग की टी-शर्ट बरामद कर ली है, जिसकी कीमत लगभग 27 लाख रुपये है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए संगठित अपराध की धारा 238, 299, 111, 3(5) बीएनएस प्रकरण में जोड़ी गई है।
इस सनसनीखेज मामले के खुलासे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, नगर पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा, निरीक्षक सुखनंदन पटेल, राकेश मिश्रा, प्रशांत राव, मोहन भारद्वाज, उप निरीक्षक गिरधारी साव, साइबर सेल प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, आरक्षक बृजलाल गुर्जर, रेनू मंडावी थाने के लोमेश राजपूत सतीष पाठक खिरेन्द्र जलतारे हेमप्रकाश सोन बनारसी सिदार बालचंद्र मोहन राव, दिलीप भानू, श्रीराम साहू, साइबर सेल के आरक्षक धनजय कश्यप, पुष्पेन्द्र जाटवर, महेश पण्डा, प्रशांत पण्डा, रविन्द्र कुमार गुप्ता, विकम सिंह, सुरेश सिदार, विकास प्रधान, प्रताप शेखर बेहरा, गजेन्द्र प्रधान, नवीन शुक्ला, ACCU जिला बिलासपुर के आरक्षक सतीश भारद्वाज, तबीर सिंह, थानों के आरक्षक अभिषेक द्विवेदी, उत्तम सारथी, संदीप मिश्रा, मनोज पटनायक ,कमलेश यादव, रोशन एक्का, भगवती रत्नाकर, चुड़ामड़ी गुप्ता, संदीप कौशिक, मिनकेतन पटेल, लखेश्वर पुरसेठ, विनय तिवारी, धनुर्जय बेहरा, ओशनिक विश्वाल, कोमल तिवारी, शशि साहू, संजय केरकेट्टा, अमर मिर्धा, विनोद शर्मा, गणेश पैंकरा, डॉग हैंडलर राजेन्द्र मरावी और विरेन्द्र अनंत की इस बहुचर्चित मामले के पर्दाफाश में अथक मेहनत की।
गिरफ्तार आरोपी-
(1) सारथी यादव पिता गोलबदन यादव उम्र 33 वर्ष
(2) नवादाई पति सारथी उर्फ वोट यादव उम्र 28 वर्ष
(3) मानस भोय पिता सुशील भोय उम्र 23 वर्ष
(4) उपेन्द्र भोय पिता सुशील भोय उम्र 30 वर्ष सभी ग्राम ठेंगागुड़ी थाना सरिया जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़
(5) दिव्य किशोर प्रधान पिता स्व. भोला नाथ प्रधान, 34 साल निवासी ग्राम धुनीपाली थाना भठली, जिला बरगढ (उड़ीसा)
(6) विजय उर्फ विज्जु प्रधान पिता झसकेतन प्रधान, 34 साल निवासी ग्राम बडमाल थाना भठली, जिला बरगढ (उड़ीसा)
बरामद संपत्ति-
सोने का हार, मुकुट, कान की बाली, 4 नग छाता, नगद 10,000 रुपये, घटना में प्रयुक्त रॉड, एक बजाज प्लेटिना मोटरसाइकिल, नारंगी रंग की टी-शर्ट, कुल 26 लाख 80 हजार रुपये। रायगढ़ पुलिस की इस त्वरित और योजनाबद्ध कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि धार्मिक आस्था पर हमला किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह न केवल एक मामले का खुलासा है, बल्कि रायगढ़ पुलिस के दृढ़ संकल्प, सतर्कता और सेवा का जीता जागता सबूत भी है। पुलिस महानिरीक्षक ने चोरी की घटना को सुलझाने में मदद करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को प्रशंसा पत्र दिया। इसके साथ ही सभी नागरिकों को जुलाई माह में रायगढ़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष सीसीटीवी अभियान “सुरक्षित सुबह” से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया और जिन नागरिकों के सीसीटीवी से अपराध को सुलझाने में मदद मिली, उन्हें सम्मानित किया गया।