प्रदेश में एक भी जिला पंचायत ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं -भूपेश
रायपुर। मैंने पहले ही कहा था कि नए प्रावधान से ओबीसी वर्ग को नुकसान होगा और यह सही साबित हुआ है। स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण प्रावधानों में भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा किए गए दुर्भावनापूर्ण संशोधनों के कारण अधिकांश जिला और जनपद पंचायतों में ओबीसी आरक्षण समाप्त हो गया है। प्रदेश की 16 जिला पंचायतों और 85 जिलों में जहां पहले 25% सीटें ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित होती थीं, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग समाप्त हो गया है। मैदानी क्षेत्रों में कई पंचायतें ऐसी हैं जहां लगभग 90 से 99% आबादी ओबीसी है, लेकिन वहां भी सरपंच का पद ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं है। पंचों के लिए आरक्षण भी आबादी के अनुपात में कम है।
ओबीसी के लिए पहले आरक्षित ये सभी सीटें अब सामान्य घोषित कर दी गई हैं। आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में सरकार द्वारा किए गए दुर्भावनापूर्ण संशोधन के बाद अनुसूचित जिलों और ब्लॉकों में ओबीसी के लिए आरक्षित जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंच के सभी पद अब सामान्य सीट घोषित कर दिए गए हैं। बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है। सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर, सोनहत, बस्तर के सात जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर मोहला, जशपुर, गैरोला, पेंड्रा मरवाही और कोरबा जिले में ओबीसी के लिए कुछ भी नहीं बचा है।
स्थानीय निकाय (त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय) चुनावों में आरक्षण के प्रावधानों में इस सरकार द्वारा किए गए षडयंत्रकारी ओबीसी विरोधी परिवर्तन अपना परिणाम दिखा रहे हैं। इस सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सरपंच एवं पंचों के आरक्षण में ओबीसी के हक-हकूक पर बड़ी डकैती डाली है। त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में रायपुर जिला पंचायत के 16 क्षेत्रों में से मात्र 4 ओबीसी के लिए आरक्षित हैं। बिलासपुर जिले के 17 सदस्यों में से मात्र एक क्षेत्र क्रमांक 1 ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है, 17 में से एक भी सीट ओबीसी पुरुष के लिए आरक्षित नहीं है। इसी तरह बिलासपुर जिले की चारों जनपद पंचायतों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के दो पद अनुसूचित जाति महिला के लिए, एक अनारक्षित महिला के लिए तथा जनपद अध्यक्ष का एक पद अनारक्षित रखा गया है।