सीजीएमएससी घोटाला में और भी गिरफ्तारियां जल्द,जांच जारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सीजीएमएससी 411 करोड़ के मेडिकल उपकरण खरीदी घोटाले के 4 आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिजकर दी है। जस्टिस सिन्हा ने कहा कि एसीबी -ईओडब्लयू की प्रारंभिक जांच में इनकी भूमिका अग्रिम जमानत नहीं दी सामने आई है। लिहाजा,आकलन नहीं किया गया। भंडारण की सुविधा भी नहीं थी। फिर भी बड़ी संख्या में मशीनें खरीदी गईं। रीएजेंट की रख-रखाव की कोई व्यवस्था नहीं थी, फिर भी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्टोर करा दिया गया ।
बता दें कि मिली अग्रिम जमानत की रफ्तार को एसीबी – ईओडब्लयू की टीम ने मोक्षित कार्पोरेशन, रिकॉर्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज, सीबी कार्पोरेशन के खिलाफ।एफआईआर दर्ज की है। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने साल 2021 में उपकरणों और मशीनों की खरीदी की प्रक्रिया शुरू की थी।
सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज।कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने 26-27 दिन में 411 करोड़ की खरीदी का आदेश जारी किया ।आरोप है कि मशीनों की जरूरत का सही नही किया है। जिसके बाद फर्म के प्रमोटर, कर्मचारी पंजाब और हरियाणा निवासी अविनेश कुमार, राजेश गुप्ता, अभिषेक कौशल और नीरज गुप्ता ने संभावित गिरफ्तारी से बचने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया कि एफआईआर में उनका नाम नहीं है। उनके खिलाफ कोई सीधा आरोप नहीं है। वे केवल कंपनी के कर्मचारी, प्रमोटर, निदेशक और कार्यकारी निदेशक हैं। टेंडर प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं थी ।