5 साल पुराने मामले में बिलासपुर आरटीओ निलंबित
रायपुर। अभनपुर भारतमाला (Abhanpur Bharatmala)सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण में 200 करोड़ से ज्यादा का घोटाला(Scam) अभी भी गरमाया हुआ है। एडिशनल और डिप्टी कलेक्टर (Deputy Collector)समेत कुछ अफसर फरार हैं। उधर बिलासपुर में अरपा(Arpa) की नहर के लिए जमीन अधिग्रहण में बड़ा घोटाला सामने आया है। करोड़ों के इस खेल में अफसर सरकार(Government) के निशाने पर आ गए हैं। इस मामले में सरकार ने बिलासपुर के सीनियर आरटीओ आनंदरूप तिवारी(Anandrup Tiwari) को निलंबित कर दिया है।
सवाल यह भी उठ रहा है कि जब इस अफसर का नाम पहले से ही करोड़ों के घोटाले में था तो उन्हें परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर क्यों भेजा गया था। आरटीओ किसने बनाया था? सिर्फ आनंदरूप ही नहीं, रायपुर में पदस्थ राज्य सेवा के सीनियर अफसरों, एक-दो तहसीलदारों और जल संसाधन विभाग के अफसरों को भी आईएएस सौरभ कुमार की रिपोर्ट में नहर जमीन अधिग्रहण घोटाले में आरोपी बनाया गया था सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि तिवारी के भू-अर्जन प्रभारी अधिकारी रहते हुए इस नहर के लिए भू-अर्जन में सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अधिकारी का यह कृत्य अपने काम के प्रति उदासीनता और गंभीर लापरवाही का परिचायक है। सरकार ने आरटीओ तिवारी को निलंबित कर बिलासपुर कमिश्नर कार्यालय में अटैच कर दिया है। बाकी अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी, क्या यह घोटाला भी भारतमाला भू-अर्जन घोटाले की तरह ईओडब्ल्यू को सौंपा जाएगा, इन सवालों पर अफसरों के बीच चर्चा हो रही है।