छत्तीसगढ़ी फिल्म हांडा की सफलता के बाद एन माही की फिल्म ऐ दादा रे 30 अगस्त को होगी रिलीज
रायपुर। छत्तीसगढ़ी फिल्म हांडा की सफलता के बाद एन माही फिल्म्स प्रोडक्शन के सफल निर्माता मोहित साहू की बहुप्रतीक्षित छत्तीसगढ़ी फिल्म ऐ दादा रे 30 अगस्त को प्रदेश के सभी सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज होने जा रही है। सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म में हॉरर, सस्पेंस, रोमांच और कॉमेडी का तड़का है। फिल्म के लेखक और निर्देशक आनंद दास मानिकपुरी ने बताया कि 40-45 साल पहले मेरी दादी और पिताजी ने अपने निजी जीवन में उनके साथ घटी घटना के बारे में बताया था कि किस तरह उन्होंने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग रूपों में प्रचलित मटिया और रक्सा का सामना किया था, उस दौरान उनके मुंह से जो डरावने शब्द निकले थे वो थे ऐ दादा रे, जिसे इस्तेमाल करके इस फिल्म का नाम ऐ दादा रे रखा गया।
आनंद दास ने बताया कि इस सच्ची घटना से फिल्म की शुरुआत की गई है, चटिया-मटिया और रक्सा की सस्पेंस कहानी, गांव में होने वाली अप्रत्याशित घटनाएं और कॉमेडी का मिश्रण इस फिल्म को पूरी तरह से मनोरंजक बनाता है। फिल्म के गाने चांदी के गोला…समझ नै आए गोरी रे और टॉयलेट गाना काफी लोकप्रिय है, जो पहले से ही सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। फिल्म की कहानी एक ऐसे गांव की है जहां भूत-प्रेत की अफवाह है, जिसे नायक अपनी जांच से दूर करता है और सच्चाई सबके सामने लाता है। फिल्म की खूबसूरत नायिका हेमा शुक्ला पर्दे पर चमकती हैं।
आनंद दास ने बताया कि उन्होंने यह फिल्म दो साल पहले लिखी थी और इसे अपनी पहली ब्लॉकबस्टर छत्तीसगढ़ी फिल्म सरई से पहले बनाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका, अब वे अपनी दूसरी फिल्म के रूप में ऐ दादा रे लेकर आ रहे हैं, जिसकी ज्यादातर शूटिंग बिलासपुर संभाग के लोरमी के पास रतनपुर, हरमोड़ी, नेवरा, झपल जैसे गांवों में हुई है।
छत्तीसगढ़ी फिल्म ऐ दादा रे के लेखक, निर्देशक और अभिनेता आनंद दास मानिकपुरी ने बताया कि फिल्म ऐ दादा रे गांव में प्रचलित चटिया-मटिया और रक्सा जैसी भूतिया घटनाओं पर आधारित है, जिसे उन्होंने बचपन में अपनी दादी और पिताजी से सुना था। उन्होंने बताया कि उनकी दादी ने एक बार उन्हें चटिया-मटिया की कहानी सुनाई थी, जो मेरे मन में बस गई, बाद में मैंने इसकी रचना की और आज इसे अपने छत्तीसगढ़ के प्रबुद्ध दर्शकों के लिए एक मनोरंजक फिल्म के रूप में प्रस्तुत किया है।