जेल में युवक की मौत, High Court ने सरकार से 14 दिन में मांगा जवाब
छत्तीसगढ़। महासमुंद जेल में एक कैदी की मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई है, इसलिए मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया।पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जख्म के 35 निशान बताए गए हैं।इस मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद बिलासपुर डिवीजन बेंच ने सरकार से 14 दिनों के भीतर जवाब मांगा है। जनहित याचिका के मुताबिक मृतक का नाम नीरज भोई है। वह महासमुंद जिले के पिपरौद गांव का रहने वाला था।नीरज को 12 अगस्त 2024 को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।जेल ले जाते समय मेडिकल जांच कराई गई थी।तब युवक को डिप्रेशन और शराब की लत से ग्रसित बताया गया था।
जनहित याचिका के अनुसार जब उसे जेल ले जाया गया तो उसके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे। लेकिन 15 अगस्त की सुबह नीरज को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उस समय जेल अधीक्षक रहे मुकेश कुशवाह ने बताया कि वह आदतन शराबी था और नशे के अभाव में खुद को और दूसरों को नुकसान पहुंचा रहा था। उसने कई कैदियों को काटकर घायल किया था, इसलिए उसे 14 अगस्त की रात 10 बजे हथकड़ी लगा दी गई। बताया गया कि युवक की मेडिकल जांच में वह डिप्रेशन और क्रॉनिक एल्कोहॉलिक का मरीज पाया गया। नशे का आदी होने के कारण वह दूसरे दिन से ही असामान्य व्यवहार करने लगा था।
जेल अधीक्षक के मुताबिक इसके बावजूद वह शांत नहीं रहा। रात करीब 11 बजे जब उसकी हथकड़ी खोली गई तो वह फिर मारपीट करने लगा। उसी रात कैदी अचानक बेहोश हो गया। स्वास्थ्य प्रहरी ने कैदी का बीपी चेक किया तो वह काफी कम था। हालत बिगड़ने पर उसे रात करीब 12 बजे मेडिकल कॉलेज महासमुंद भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने रात 12.35 बजे हृदय गति रुकने से उसे मृत घोषित कर दिया। कैदी की मौत को लेकर परिजनों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।
याचिका के मुताबिक नीरज जेल में कैदियों पर थूकने और काटने लगा था। इसके चलते उसे मानसिक रूप से बीमार घोषित कर लोहे के गेट से बांधकर खुले में छोड़ दिया गया। उसका इलाज कराने की जगह उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया।दायर याचिका में मांग की गई है कि उसे प्रताड़ित करने और मारपीट करने वालों के खिलाफ जांच की जाए। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। साथ ही मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग की गई है।महासमुंद जिला जेल के डॉ. संजय दवे की रिपोर्ट के मुताबिक नशे की वजह से वह जेल में असामान्य व्यवहार करने लगा था।जिसके चलते उसे जेल अस्पताल में दवा दी गई।लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ। विड्रॉल सिम्पटम्स की वजह से वह यह सब करने लगा था।
डॉ. संजय दवे की रिपोर्ट के मुताबिक 15 अगस्त को नीरज को गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि उसकी मौत विड्रॉल सिम्पटम्स की वजह से हुई है। परिवार की शिकायतों के आधार पर मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराई गई।17 अगस्त 2024 को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।मेडिकल टीम की रिपोर्ट के मुताबिक नीरज की मौत गला घोंटने से हुई है।इस रिपोर्ट के मुताबिक नीरज के शरीर पर चोट के 35 निशान थे जिनमें से 8 अंदरूनी थे और ये जानलेवा साबित हुए। यह भी साफ हुआ कि 12 अगस्त को गिरफ्तारी के वक्त उसके शरीर पर कोई चोट नहीं थी।जबकि संजय दवे की रिपोर्ट के मुताबिक 15 अगस्त को नीरज को गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल ले जाया गया था लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।