3 नवंबर से हड़ताल पर जाने की घोषणा, धान खरीदी पर मंडराया संकट…
हड़ताल पर जाने की तैयारी में सहकारी समिति और कम्प्यूटर ऑपरेटर
रायपुर।कर्मचारियो के आंदोलन के कारण धान खरीदी शुरू होने से पहले ही संकट मंडराने लगा है। धान खरीदी से जुड़े सहकारी समितियों के कर्मचारी और कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने पर 3 नवंबर से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है, जबकि राज्य में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होगी।
सरकार पर मांगों की अनदेखी का आरोपः धान खरीदी से जुड़े कर्मचारी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि लंबे समय से ये मांगें लंबित हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है केवल आश्वासन दिया जा रहा है। पिछले साल भी धान खरीदी शुरू होने से पहले इन्हीं मांगों को लेकर आंदोलन किया गया था, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
धान खरीदी का बहिष्कार करने की घोषणा: कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे धान खरीदी का बहिष्कार करेंगे।
यह है मांगें
एमएसपी पर धान खरीदी वर्ष 2023- 24 और 2024-25 में धान खरीदी के बाद सम्पूर्ण सूखत को मान्य कर संबंधित राशि समितियों को देने की मांग। आउट सोर्सिंग द्वारा कंप्यूटर आपरेटर नियोजन को विलोपित किया जाए, वर्षों से कार्य कर रहे धान खरीदी कंप्यूटर आपरेटरों का विभाग तय कर नियमितीकरण की मांग । सहकारी समितियों के कर्मचारियों को वेतन देने प्रति वर्ष सभी समितियों को तीन-तीन लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान राशि दी जाए। संविदा कर्मचारियों को सीधी भर्ती में प्राथमिकता देते हुए बोनस अंक अनिवार्य कर इसे जल्द लागू किया जाए।
इस वर्ष भी बड़ा लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने इस वर्ष भी किसानों से धान खरीदी का बड़ा लक्ष्य तय किया है। सरकार करीब एक लाख 60 हजार टन धान की खरीदी करने की तैयारी में है। ऐसे में यदि कर्मचारी हड़ताल कर दें तो पूरी व्यवस्था प्रभावित हो जाएगी।बताया कि 3 से 11 नवंबर तक संभाग स्तरीय आंदोलन किया जाएगा। 12 नवंबर से लंबित चार सूत्रीय मांगों की पूर्ति के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ की जाएगी। शुक्रवार को कर्मचारियों ने राज्य के सभी जिलों में प्रदर्शन किया था।
