छत्तीसगढ़: 7 दवाएं Blacklisted सूची की में, 4 Firm को बाहर का रास्ता दिखाया
रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन सीजीएमएससी ने 2023 में 7 प्रकार की दवाएं ब्लैक लिस्टेड कीं। 7 प्रकार की दवाओं में 4 प्रकार की टैबलेट दो इंजेक्शन व एक शैंपो है। 2025 में 4 फर्मों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इनमें रीएजेंट की सप्लाई करने वाली मोक्षित कॉर्पोरेशन व इससे जुड़ी फर्म शामिल हैं।
सीजीएमएससी ने फरवरी में 7 बड़ी कार्रवाई की थी। इसमें एजेंट सप्लाई करने वाले दुर्ग के मोक्षित कॉर्पोरेशन व उससे जुड़े दो अन्य फर्म और डीकेएस अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट आधा अधूरा बनाने वाले फर्म शामिल है। चारों को 3.3 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया है। वहीं खून पतला करने वाले इंजेक्शन हिपेरिन बनाने वाली वड़ोदरा की फर्मास्युटिकल कंपनी के अलावा इंजेक्शन को ओके रिपोर्ट देने वाली दो लैब के साथ रेट कांट्रैक्ट खत्म किया गया है। 660 करोड़ के रीएजेंट व मेडिकल उपकरण घोटाले में दवा कॉर्पोरेशन के बड़े अधिकारियों की भी मिलीभगत होने की आशंका है।जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी बाकी है।
तत्कालीन हैल्थ डायरेक्टर व सीजीएमएससी के एमडी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार 28 करोड़ के रीएजेंट खराब हो चुके हैं। यही नहीं मोक्षित द्वारा सप्लाई ब्लड जांचने वाली मशीन भी बंद है क्योंकि इसे लॉक कर दिया गया है। ताकि मोक्षित से ही रीएजेंट लिया जा सके । मोक्षित कॉर्पोरेशन के खिलाफ शिकायत 2022 में हुई थी लेकिन मामला दबा दिया गया था।
ऑनलाइन मॉनिटरिंग के साथ आम लोगों के लिए खोला पोर्टल-
सीजीएमएससी के कामों में पारदर्शिता लाने के लिए डीपीडीएमआईएस यानी ड्रग प्रोक्योरमेंट एंड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम पोर्टल को अब आम लोगों
के लिए खोल दिया है। इस पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों जैसे मेडिकल कॉलेज जिला अस्पतालए सीएचसी व पीएचसी में दवाए चिकित्सीय उपकरणों की आपूति वितरण स्टॉक की स्थिति और यहां तक कि निर्माणाधीन अस्पताल भवनों की प्रगति को भी रियल टाइम में देखा जा सकता है। पोर्टल पर सभी निविदाएं स्वीकृत आपूर्तिकर्ता और अनुबंध मूल्य सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। दवाओं की डिलीवरीए स्टॉक की वर्तमान स्थिति और लंबित मांग की जानकारी दिन प्रतिदिन अपडेट होती है। दवा परिवहन में लगे वाहनों की लाइव लोकेशन और उनके रूट की जानकारी भी नागरिक देख सकते हैं। निर्माणाधीन मेडिकल संस्थानों की प्रगतिए बजट और योजनागत विवरण अब जनता की नज़रों में रहेगी।