भूपेश के बेटे चैतन्य को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया…
रायपुर।छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 18 जुलाई को दुर्ग जिले के भिलाई शहर स्थित उनके घर की तलाशी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। भूपेश भिलाई स्थित इसी आवास में रहते हैं। ईडी की टीम नेताजी सुभाष स्टेडियम परिसर स्थित अपने जोनल कार्यालय में चैतन्य से पूछताछ कर रही थी। पाँच दिन की ईडी रिमांड मंगलवार को समाप्त हो रही थी। चैतन्य बघेल को कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार दोपहर विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत द्वारा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के फैसले के बाद शाम करीब पांच बजे उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया और फिर ईडी की टीम उसे लेकर केंद्रीय जेल रायपुर पहुंची।
इस दौरान ईडी के पूर्व अधिवक्ता सौरभ कुमार पांडेय ने पत्रकारों को बताया कि ईडी की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद मंगलवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (षष्ठम) डमरूधर चौहान ने कथित आरोपी का दस्तावेजों से आमना-सामना कराया। चैतन्य को अदालत में पेश किया गया। श्री पांडेय ने बताया कि ईडी हिरासत के दौरान चैतन्य से पूछताछ की गई और दस्तावेजों से आमना-सामना कराया गया, जिसमें उसने कई बिंदुओं पर अपनी बात स्वीकार की। ईडी के वकील ने कहा कि पूछताछ के लिए ज्यादा कुछ नहीं बचा है, इसलिए निदेशालय ने उसकी न्यायिक हिरासत मांगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर एजेंसी अदालत की अनुमति से उससे दोबारा पूछताछ कर सकती है। उन्होंने बताया कि अदालत ने उन्हें 4 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। लखमा, ढेबर और त्रिपाठी समेत कई आरोपी पहले ही गिरफ्तार जनवरी में, ईडी ने मामले की जाँच के तहत पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूरे समय कांग्रेस नेताओं के साथ अदालत में मौजूद रहे और फिर केंद्रीय जेल परिसर का दौरा भी किया।
इंडी ने एक बयान में दावा किया था कि चैतन्य ने शराब घोटाले से एक हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की ‘आपराधिक कमाई’ का ‘प्रबंधन’ किया और 16.7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपनी रियल एस्टेट परियोजना के विकास के लिए किया। ईडी के अनुसार, चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपये की आपराधिक आय प्राप्त हुई थी। यह पाया गया कि उसने उक्त नकदी (अपराध की आय) का इस्तेमाल अपनी ‘रियल एस्टेट’ परियोजना के विकास में किया।
ईडी ने कहा है कि कथित घोटाले से राज्य के खजाने को ‘भारी नुकसान’ हुआ और 2,100 करोड़ रुपये से ज़्यादा शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में गए।, ‘यह ‘घोटाला’ 2019 और 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। EOW ने 70 लोगों और कंपनियों को नामज़द किया है