सदन में Redy to Eat मुद्दा गूंजा,नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
रायपुर। विधानसभा के मानसून(Monsoon) सत्र के दूसरे मंगलवार (Tuesday)को सदन में रेडी टू ईट(Redy to Eat) का मुद्दा गूंजा। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष(Ruling And Opposition Parti) के बीच तीखी बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत(Dr. Charandas Mahant) ने इस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने यह मुद्दा उठाया और स्व-सहायता समूहों के गलत चयन का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि इस योजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने अनियमितता बरतने वाले विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। प्रश्नोत्तर काल के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। डॉ. महंत ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के आदेश दिनांक 20 जनवरी 2025 द्वारा चरणबद्ध तरीके से राज्य के बलौदाबाजार, बस्तर, दंतेवाड़ा, रायगढ़, कोरबा एवं सूरजपुर जिले में आने वाली समस्त परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के स्थान पर राज्य की सक्षम महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से रेडी टू ईट एवं फोर्टिफाइड आटा के निर्माण एवं आपूर्ति संबंधी कार्य हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इन आवेदनों का गहन परीक्षण कर सूची बनाकर शासन द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार अंक प्रदान किए गए तथा दावा-आपत्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे। कोरबा जिले की बाल विकास परियोजना कटघोरा, हरदीबाजार, चोटिया एवं पसान के लिए 8 अधिकारियों की एक ही समिति द्वारा दावा-आपत्ति के माध्यम से विभिन्न परियोजनाओं में चिन्हित समूहों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा बनाए गए नियमों एवं प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर अवैधानिक रूप से अंक बढ़ाकर मेरिट सूची में संशोधन किया गया। पसान परियोजना के लिए आवेदन ही नहीं देने वाले आदर्श महिला स्व सहायता समूह को अंतिम चयन और काम देकर बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और पक्षपातपूर्ण काम किया गया है। जिले में पात्र और अनुभवी महिला स्व सहायता समूहों को रेडी टू ईट से अलग कर दिया गया है। इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि यह पूरी तरह गलत है। इसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है। नियम और प्रक्रिया के सवाल पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और कांग्रेस विधायक उमेश पटेल के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।